ऑडियोमेट्री टेस्ट क्या है?
हियरिंग टेस्ट कितने प्रकार के होते है ?
1 - प्योर टोन ऑडिओमेट्री Pure tone audiometry
2 - टैंपॉनॉमेट्री tympanometry
3 - बेरा ABR- BERA
4 - OAE
ऑडियोमेट्री टेस्ट, एयर कंडक्शन और बोन कंडक्शन की जांच करता है, ताकि व्यक्ति की सुनने की क्षमता का पता लगाया जा सके। एयर कंडक्शन का मतलब होता है, ध्वनि की तरंगों का कान की नली, कान के परदे और कान के बीच वाले हिस्से से होते हुऐ अंदरुनी कान तक पहुंचना। बोन कंडक्शन का मतलब होता है, ध्वनि का कान के पिछले हिस्से के आस-पास की हड्डियों में से गुजरना।
- ऑडियोमेट्री टेस्ट किसलिए किया जाता है - What is the purpose of
Audiometry test
- ऑडियोमेट्री टेस्ट से पहले - Before Audiometry test
- ऑडियोमेट्री टेस्ट के दौरान - During Audiometry test
- ऑडियोमेट्री टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - What does Audiometry test
result mean ?
ऑडियोमेट्री टेस्ट किसलिए किया जाता है - What is the purpose of Audiometry test in Hindi
ऑडियोमेट्री टेस्ट क्यों किया जाता है?
ऑडियोमेट्री टेस्ट व्यक्ति के सुनने की क्षमता की जांच करने के लिए किया जाता है। यह नियमित हेल्थ चेक अप के दौरान भी किया जा सकता है। यह टेस्ट तब अनिवार्य हो जाता है, जब किसी व्यक्ति को लगातार सुनने में तकलीफ हो रही हो। कम सुनाई देने के कई कारण हो सकते हैं,जैसे:
- जन्म दोष
- कान में संक्रमण
- कान में चोट
- अंदरूनी कान के रोग
- लगातार ऊंची आवाजें सुनना
- कान का परदा फटना
अंदरुनी कान के अंदर किसी प्रकार के घाव या रोग आदि के कारण होने वाले बहरेपन को सेंसरीन्यूरल हीयररिंग लोस कहा जाता है। यह तब भी हो सकता है जब कोक्लिया की हेयर सेल्स ठीक प्रकार काम न कर पाएं या ध्वनि के सिग्नल मस्तिष्क तक पहुंचाने वाली नसें क्षतिग्रस्त हो जाएं। ऐसी स्थितियों में बहरापन स्थायी रहता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह एक मध्यम से गंभीर स्थिति ही होती है।
अधिकतर हेल्थ केयर संस्थाएं उन लोगों को नियमित रूप से ऑडियोमेट्री टेस्ट करवाते रहने का सुझाव देती हैं, जो लोग आमतौर पर अधिक तेज आवाज के संपर्क में रहते हैं। उदाहरण के लिए, जो किशोर बहुत तेज़ आवाज़ में म्यूजिक सुनते हैं उन्हें अपनी श्रवण क्षमता का नियमित चेक अप करवाते रहना चाहिए।
ऑडियोमेट्री टेस्ट से पहले - Before Audiometry test in Hindi
ऑडियोमेट्री टेस्ट की तैयारी कैसे करें?
ऑडियोमेट्री टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती। परीक्षण से जुड़े निर्देश टेस्ट से पहले दिए जाएंगे, इन निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करना चाहिए। इस टेस्ट में किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होता क्योंकि यह एक सामान्य टेस्ट होता है, जिसमें इंजेक्शन लगाने या चीरा देने आदि की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
ऑडियोमेट्री टेस्ट के दौरान - During Audiometry test in Hindi
ऑडियोमेट्री टेस्ट कैसे किया जाता है?
ऑडियोमेट्री टेस्ट किसी क्लिनिक में एक सिंपल हीयरिंग टेस्ट के रूप में शुरु किया जा सकता है। व्यक्ति को कुछ प्रश्नों के जबाव देने पड़ते हैं, जिसमें उनसे सुनने के दौरान महसूस हो रही समस्याओं के बारे में और सुनने की योग्यता आदि के बारे में पूछा जाता है। उसके बाद एक सामन्य टेस्ट प्रक्रिया के दौरान मरीज को फुसफुसाती हुई आवाज़ों को सुनने को कहा जा सकता है या फिर ट्यूनिंग फोर्क या ईयर इग्जामिनेशन स्कोप की ध्वनि की पहचान करने के लिए भी किया जा सकता है।
हालांकि सुनने की क्षमता की सटीक रूप से जांच करने के लिए ये टेस्ट किये जाते हैं:
- ऑडियोग्राम:
इसे प्योर टोन टेस्टिंग के नाम से भी जाना जाता है, इस दौरान डॉक्टर आपसे ऑडियो मीटर से जुड़े इयरफोन पहनने को कहेंगें। इस टेस्ट में एक बार में एक ही कान का निरिक्षण किया जाता है। आवाज़ सुनाई देने पर डॉक्टर आपसे संकेत करने को कहेंगे। इस टेस्ट को करते समय डॉक्टर इस बात का नोट बनाएगें की आपको हर टोन को सुनने के लिए आवाज में कम से कम कितनी तीव्रता चाहिए या आवाज कितनी तेज होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त टेस्ट बोन कंडक्शन टेस्ट करने के लिए एक बोन ओस्किलेटर को मास्टोइड बोन (कर्णमूल की हड्डी) के सामने भी लगाया जाता है 
- स्पीच ऑडियोमेट्री:स्पीच ऑडियोमेट्री टेस्ट आवाज के अलग-अलग स्तर (तेज़ या धीरे) पर बोले गए शब्दों को व्यक्ति द्वारा समझने और सुनने की क्षमता की जांच करता है, जो कि एक हेड सेट द्वारा सुनाये जाते हैं।
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- इमिटेंस ऑडिओमेट्री:
इस टेस्ट की मदद से कान के परदे के कार्य और मध्यकान से निकलने वाली ध्वनि की जांच की जाती है। टेस्ट के लिए कान में "प्रोब" नाम का एक प्रकार का उपकरण डाला जाता है, ताकि कान में हवा न जा सके। प्रोब द्वारा नियमित अंतराल में कान के अंदर हवा पंप की जाती है ताकि कान में कोई दबाव न बने। इस के बाद दबाव और आवाज की तीव्रता के अलग स्तरों पर कान के परदे की प्रतिक्रिया को लिखा जाता है, ताकि यह पता लगाया जा सके की कान में ध्वनि का प्रवाह कितना है।
ऑडियोमेट्री टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - What does Audiometry test result mean in Hindi?
ऑडियोमेट्री टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?
निम्न को सामान्य रिजल्ट कहा जाता है:
- बिना किसी तकलीफ या प्रयास के धीमी आवाज़ को सुन पाना
- हवा और हड्डी के द्वारा ट्यूनिंग फोर्क को सुन पाना
- ऑडियोमेट्री टेस्ट के दौरान 25 डेसिबल पर 250 से 8000 हर्ट्ज़ की टोन या फिर इस से भी कम आवाज सुन पाना
असामान्य रिजल्ट में मरीज को ऊंची या धीमी आवाज सुनाई नहीं देती है। जब किसी व्यक्ति को 25 डेसिबल से कम की आवाज सुनना बंद कर देती है, तो उसे बहरेपन की शिकायत हो गई है।

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