क्यों होता है टिनिटस

 

कान में अजीब-अजीब सी आवाज का आना टिनिटस बीमारी का लक्षण होता है। टिनिटस अमूमन एक कान में होता है और कुछ रेयर केस में दोनों काम में हो सकता है। टिनिटस बीमारी दो तरह की होती है। एक में कान के अंदरूनी, बाहरी या बीच के भाग में परेशानी होती है और दूसरी में खून की धमनियों में समस्या होती है।

कान में आवाज गूंजना, टिनिटस की निशानी ..!


क्या आपके कानों में बगैर किसी कारण के कोई आवाज गूंजती है? अगर आपका जवाब हां  है, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह कोई आम समस्या नहीं है। यह टिनिटस नामक बीमारी हो सकती है। इसे रक्तवाहिनियों (न्यूरल ) की समस्या या उम्र के साथ सुनने की शक्ति क्षीण होने से जोड़कर देखा जा सकता है। टि‍निटस की समस्या में कानों के अंदर बिना किसी कारण आवाज गूंजती है। लेकिन इसका उपचार भी किया जा सकता है।





टिनिटस के लक्षण : कानों में सि‍सकारी, दहाड़ जैसी आवाजें, कानों का बजना एवं आवाज का कानों में गूंजते रहना, टिनिटस के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। यह आवाजें समस्या की गंभीरता के अनुसार कम या ज्यादा तीव्रता लिए होती हैं। आवाज का गूंजना एक या दोनों कानों में भी हो सकता है। इसके अलावा यह समस्या कुछ दिनों तक या लंबे समय तक रह सकती है।
टिनिटस के प्रकार :
1 ज्यादातर लोगों को जो समस्या होती है, उसमें कान के अंदरूनी, बाहरी या बीच के भाग में परेशानी होती है। सुनने की क्षमता के लिए जिम्मेदार नसों में किसी प्रकार की समस्या का होना व्यक्तिपरक(subjective) टिनिटस कहलाता है।
 2 वहीं टिनिटस का एक और भी प्रकार है, जो कि वस्तुपरक(objective) होता है। इसका कारण यह है, कि यह केवल डॉक्टर द्वारा तकनीकी जांच में ही सामने आता है। इस तरह के टिनिटस में खून की धमनियों में समस्या होती है। यह काफी कम लोगों में देखने को मिलता है।




 

क्यों होता है टिनिटस

1 तेज आवाजों के संपर्क में आने के कारण यह समस्या पैदा हो सकती है। किसी फैक्ट्री या साउंड उपकरणों का शोर टिनिटस कर समस्या पैदा कर सकता है। 
 
2 कान में वैक्स इकट्टा होना भी इसका एक कारण है। कभी कभी हमारे कानों में अतिरिक्त मात्रा में मोम जम जाता है, जो टिनिटस की समस्या को जन्म दे सकता है।
3 कान की हड्डी का बढ़ना भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकता है, इससे सुनने की क्षमता पर विपरीत असर पड़ता है। ऐसा लगने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
कई बार उम्र बढ़ने के साथ सुनने की क्षमता क्षीण होने लगती है। यह भी टिनिटस की समस्या हो सकती है। साठ साल की उम्र के बाद इस समस्या का खतरा अधि‍क होता है।

टिनिटस का उपचार

कान को समय-समय पर साफ करते रहें। अगर आपके कान में काफी मोम जम गया है तो इसे निकालना बहुत जरूरी है इस बात का ध्यान रखें। इसके लिए सुरक्ष‍ित साधनों का प्रयोग करें। 

*- बीमारी का अंदेशा होने पर चिकित्सक से संपर्क करके परमर्शानुसार इलाज करें

 
2 अत्यधिक शोर वाले स्थान से दूरी बनाएं रखें। यह आपकी श्रवण क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है। 
आप चाहें तो कानों को ढंकने के लिए ईयर मफ का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे शोर शराबे से सुरक्ष‍ित रह सकें। 
4 कुछ ऐसे यंत्रों का प्रयोग किया जा सकता है, जो पर्यावरण संबंधी आवाजों के स्त्रोत होते हैं। इस तरह की चीजें कानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होती हैं।
5 कई बार दवाईयों के साइड इफेट्स के रूप में टिनिटस की समस्या सामने आती है। इसलिए दवाईयों को डॉक्टरी परामर्शानुसार बदलते रहें।


टिनिटस के अन्य कारण

टिनिटस के कम सामान्य कारणों में अन्य कान की समस्याएं, पुरानी स्वास्थ्य स्थितियां और चोटें या स्थितियां शामिल हैं जो आपके कान या आपके मस्तिष्क में श्रवण केंद्र को प्रभावित करती हैं।

* मेनियार्स का रोग। टिनिटस मेनियर की बीमारी का एक प्रारंभिक संकेतक हो सकता है, एक आंतरिक कान का विकार जो असामान्य आंतरिक कान द्रव दबाव के कारण हो सकता है।

* यूस्टेशियन ट्यूब की शिथिलता। इस स्थिति में, मध्य कान को आपके ऊपरी गले से जोड़ने वाली नली में हर समय विस्तार बना रहता है, जिससे आपका कान भरा हुआ महसूस हो सकता है।

* कान की हड्डी बदल जाती है। आपके मध्य कान (ओटोस्क्लेरोसिस) में हड्डियों का कड़ापन आपकी सुनवाई को प्रभावित कर सकता है और टिनिटस का कारण बन सकता है। हड्डी की असामान्य वृद्धि के कारण होने वाली यह स्थिति परिवारों में चलती है।

* आंतरिक कान में मांसपेशियों में ऐंठन। आंतरिक कान में मांसपेशियां तनाव (ऐंठन) हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप टिनिटस हो सकता है, सुनवाई हानि और कान में परिपूर्णता की भावना हो सकती है। यह कभी-कभी बिना किसी स्पष्ट कारण के होता है, लेकिन कई स्केलेरोसिस सहित न्यूरोलॉजिक रोगों के कारण भी हो सकता है।

* टेम्पोरोमैंडिबुलर संयुक्त (टीएमजे) विकार। टीएमजे के साथ समस्याएं, आपके कान के सामने आपके सिर के प्रत्येक तरफ संयुक्त, जहां आपके निचले जबड़े आपकी खोपड़ी से मिलते हैं, टिनिटस का कारण बन सकते हैं।

* ध्वनिक न्यूरोमा या अन्य सिर और गर्दन के ट्यूमर। ध्वनिक न्यूरोमा एक गैर-कैंसर (सौम्य) ट्यूमर है जो कपाल तंत्रिका पर विकसित होता है जो आपके मस्तिष्क से आपके आंतरिक कान तक चलता है और संतुलन और सुनवाई को नियंत्रित करता है। अन्य सिर, गर्दन या मस्तिष्क के ट्यूमर भी टिनिटस का कारण बन सकते हैं।

* रक्त वाहिका विकार। ऐसी स्थितियां जो आपके रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती हैं - जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस, उच्च रक्तचाप, या किन्कड या विकृत रक्त वाहिकाएं - रक्त को आपकी नसों और धमनियों के माध्यम से अधिक बल के साथ स्थानांतरित करने का कारण बन सकती हैं। ये रक्त प्रवाह परिवर्तन टिनिटस का कारण बन सकते हैं या टिनिटस को अधिक ध्यान देने योग्य बना सकते हैं।
अन्य पुरानी स्थितियां। डायबिटीज, थायरॉइड की समस्या, माइग्रेन, एनीमिया, और ऑटोइम्यून विकार जैसे संधिशोथ और ल्यूपस सहित सभी की स्थिति टिनिटस से जुड़ी हुई है।



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